CG TEACHER VACANCY UPDATE 2025 भारत को विकसित भारत बनाने के लिए भारत की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना होगा इसी के तहत छत्तीसगढ़ में भी शिक्षा की व्यवस्था को मजबूत एवं प्रभावशील बनाने के लिए शिक्षकों के विभिन्न रिक्त पदों पर चरणबाद तरीके से भभर्ती की जाएगी इसके तहत प्रथम चरण में लगभग 5000 शिक्षकों की भर्ती होगी सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन एवं अध्यापन व्यवस्था को तेजी मिलेगी साथ ही विद्यार्थियों को अच्छी एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विभाग के द्वारा विभागीय स्तर पर तैयारी आरंभ कर दी गई है
छत्तीसगढ़ के सरकार के द्वारा इस राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई पहल की जा रही है इन्हीं पहल में शामिल है शिक्षकों का युक्तियुक्तकारण किया जाए युक्ति युक्त कारण की प्रक्रिया राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई है जिसके पूरा हो जाने के बाद शिक्षाको के राज्य में रिक्त पदों की आकलन करके भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी
छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता एवं उसकी पहुंच को बेहतर एवं प्रभावशाली बनाने के लिए शिक्षकों का युक्ति युक्त करण किया जा रहा है इसका उद्देश्य जहां पर शिक्षक की जरूरत हो उसे पूरा किया जा सके और बच्चों को अच्छी एवं बेहतर शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने की सुविधा दिया जा सके युक्तियुक्तकारण का मतलब स्कूलों और शिक्षकों की व्यवस्था को सुधारना एवं सभी प्रकार के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र एवं शिक्षकों के अनुपात को संतुलित करना है जिससे कोई भी स्कूल बिना शिक्षा के नारा जाए
अभी भी 212 प्राथमिक स्कूल शिक्षक विहीन
छत्तीसगढ़ राज्य की लगभग 30700 प्राथमिक स्कूलों में औसत 21% बच्चे प्रति शिक्षक है तथा 13000 पूर्व माध्यमिक स्कूलों में लगभग 26 प्रतिशत बच्चे प्रति शिक्षक हैं यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत आंकड़े से कहीं बेहतर है लेकिन अभी भी लगभग 212 प्राथमिक स्कूल शिक्षक विहीन है और लगभग 6872 प्राथमिक स्कूलों में मात्र एक ही शिक्षक कार्यरत है पूर्व माध्यमिक स्तर पर लगभग 48 स्कूलों में शिक्षक नहीं है और 250 स्कूल ऐसे हैं जहां पर केवल एक ही शिक्षक है 362 स्कूल ऐसे भी हैं जहां पर शिक्षक तो है लेकिन पढ़ने के लिए कोई भी छात्र नहीं है इसी प्रकार से शहर के क्षेत्र में भी लगभग 527 स्कूल में पढ़ने वाले छात्र एवं शिक्षा का अनुपात 10 या उससे भी काम है।
लगभग 1106 स्कूलों में यही अनुपात 11 से 20 के बीच में है 837 में यही अनुपात आपको 21 से लेकर 30 के बीच में देखने को मिलता है लेकिन 245 स्कूल ऐसे भी हैं जहां पर यही अनुपात 40 या उससे भी ज्यादा देखने को मिलता है यानी छात्राओं की संख्या में शिक्षकों का अनुपात बहुत ही काम है
युक्ति युक्त कारण के द्वारा जिन भी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है लेकिन छात्र नहीं है वहां से शिक्षकों को निकाल कर उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां शिक्षक नहीं है जिससे शिक्षक विहीन और एक ही शिक्षक वाले स्कूल की समस्या को दूर किया जा सकेगा.
इससे सरकार की स्कूल चलने का खर्च भी काम होगा और संसाधन का बढ़िया उपयोग हो सकेगा एक ही परिषद में ज्यादा कक्षा एवं ज्यादा सुविधा मिलने से विद्यार्थियों को बार-बार एडमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी यानी की एक ही परिषद में संचालित प्राथमिक माध्यमिक एवं हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित होंगे तो विद्यार्थी प्राथमिक स्कूल पास करने के बाद आगे की कक्षा में एडमिशन करने की प्रक्रिया से छुटकारा मिल जाएगी इससे बच्चों की पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी और विद्यार्थी के स्कूल छोड़ने की संख्या में भी कमी देखने को मिलेगी अच्छी स्कूल, लाइब्रेरी, लैब जैसे सुविधा एक ही जगह देना आसान होगा
लगभग 166 स्कूलों का होगा समायोजन
छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के हिसाब से स्कूलों के युक्ति युक्त कारण से राज्य के लगभग 1463 से भी ज्यादा स्कूलों में से सिर्फ 166 स्कूलों का समायोजन होगा इन सभी 166 स्कूलों में ग्रामीण एरिया के 133 स्कूल ऐसे हैं जहां पर छात्रों की संख्या 10 से भी काम है और 1 किलोमीटर के अंदर में दूसरा स्कूल भी संचालित है इसी तरह शहर के क्षेत्र में लगभग 33 स्कूल ऐसे हैं जिसमें छात्रों की संख्या 30 से कम है और इन स्कूलों के 500 मीटर के दायरे में ही दूसरा स्कूल भी संचालित है।
इन्हीं सभी कमी को देखते हुए इन 166 स्कूलों को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से समायोजित किया जाएगा और इस समायोजन से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी बचे हुए शेष 10997 स्कूल पूरी तरीके से उसी तरीके से चालू रहेंगे।

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